Late Virendra Pratap Singh Smarak Janta P. G. College as one of the best education institute in Sultanpur District. Late Virendra Pratap Singh Smarak Janta P. G. College as one of the best education institute in Sultanpur District.
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Late Virendra Pratap Singh Smarak Janta P. G. College,
Kundabhairopur Sultanpur(U.P)



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एक महान राष्ट्र के लिए उसके बच्चों का शिक्षित सुसंस्कृत एवं सामाजिक आर्थिक रूप से उन्नत एवं समरस होना आवश्यक है| स्व० ठा० दीप नारायण सिंह इन्ही चेतनाओं के सम्बाहक रहे| ग्राम रतनपुर कुन्दा भैरोपुर के एक सामान्य परिवार में जन्म लेने वाले ठा० दीप नारायण सिंह भारत की आजादी के सच्चे सिपाही थे| उनका दृढ़ विश्वास था कि एक सच्चा शिक्षक अच्छे राष्ट्र के निर्माण में सबसे बड़ी भूमिका निभा सकता है और इस विचार को आगे बढ़ाते हुए वे अनेक शिक्षण संस्थानों के जन्म श्रोत बने| जनपद मुख्यालय सुलतानपुर में महात्मा गाँधी इन्टर कॉलेज के संस्थापक प्राचार्य हुए| यह क्षेत्र (कुन्दा भैरोपुर) जो कि शैक्षिक, आर्थिक एवं सामाजिक रूप से उत्पन्न पिछड़ा था यहाँ जनता जू० हा० स्कूल का निर्माण किया और अन्य तमाम शिक्षण संस्थानों को खोलने की प्रेरणा दी|

उनकी मृत्यु के बाद उनके पुत्रों स्व० सूर्य प्रताप सिंह एवं उदय प्रताप सिंह के द्वारा उनके योगदान को संजोया गया|

आगे चलकर उनके पौत्र श्री वीरेन्द्र प्रताप सिंह ने शिक्षा के नये आयाम गढ़े| अच्छी शिक्षा एवं दृढ़ अनुशासन के लिए लोग लम्बे समय तक उनका उदाहरण देते रहेगे| वे एक कुशल वक्ता कर्मठ राजनीतिज्ञ और समाज में मूल्यों के निर्धारण के लिए याद किये जाते रहेंगे| वे इस पिछड़े क्षेत्र में मूल्य आधारित शिक्षा और समाज निर्माण के लिए जीवन भर प्रयास करते रहे| शिक्षा के लिए दृढ़ संकल्प के साथ मूल्य आधारित राष्ट्र निर्माण की चेतना का एक सूरज जिसे इस समाज और देश को नये आयाम देने थे अपनी दोपहरी के पहले ही अस्त हो गया| असमय काल कवलित हो गया| उनकी इच्छा थी कि यहाँ उच्च शिक्षा दीक्षा के लिए एक संस्थान खोला जाय जो कि मूर्त रूप नही ले सका|

उनके सपने सोने नही देते| उनकी महान और व्यापक सोच का कुछ अंश पूरा कर सकूं तो मेरे जीवन को अभिप्राय मिल सके| भाग्यशाली हूँ कि मेरे दोनों बड़े भाई श्रदेय अरविन्द प्रताप सिंह एवं अजय प्रताप सिंह का प्रत्येक पल-पग पर सहयोग और प्रेरणा मुझे मिलती है जो मुझे हारने नही देती, उनके स्नेह-सम्बल एवं आशीष से सब कुछ सुगम और शुभ हो जाता है|